aunty train sex story चलती ट्रेन में आंटी ने चुदवाया

(aunty train sex story Aunty Ki Chudai Chalti Train me)

aunty train sex story आंटी की बेटी को मैं बार बार किश कर उनको चुदासी कर रहा था जिसका असर उन पर हुआ भी और उनकी चूचियों को मसलकर और चूत में उंगली कर कर के उनके चूत का पानी निकाला..
ट्रेन में हसीना से मुलाकात

हाय मैं फिर से हाजिर हूँ।

अब मैं आपके सामने एक नई कहानी बताता हूँ। जब मैं बिलासपुर से तिरुवनन्तपुरम ट्रेन में यात्रा कर रहा था। इस आंटी की चुदाई तो बड़ी ही साधारण सी थी। “aunty train sex story”

अब आप तो मुझे जान ही गए हैं। मैं 22 वर्षीय युवक हूँ। यह आंटी रायपुर से ट्रेन में चढ़ी थी। वह अपनी 2 वर्ष की बेटी के साथ इस कम्पार्टमेंट में चढ़ गई।

उसकी सीट बिल्कुल मेरे साथ की थी। यह सीट मात्र दो जनों के लिए पर्याप्त थी, मतलब आप समझ सकते हैं।

मैं जब रायपुर स्टेशन पर उतरा तो उसके पति से मिला। उसके पति ने मेरा मोबाईल नम्बर लिया और मुझे कहा कि, प्लीज! मेरी बात मेरी बीवी से समय समय पर करवाना। “aunty train sex story”

मैं मान गया और अपना मोबाईल नम्बर उसे दे दिया। उसका नाम सुरेश था। वो उतना सुन्दर नहीं था, पर उसकी बीवी का नाम श्वेता था और, माँ कसम! बिल्कुल डेयरी मिल्क की तरह वो साफ़ सुथरी थी।

उसने उसी समय अपनी बीवी से मेरा परिचय करवाया। उसकी मुस्कान में जादू था। जैसे कि, एक नया फुल बाग में खिल रहा हो!

ठीक 12 बजे ट्रेन वहाँ से चल दी और उसके पति ने मुझे धन्यवाद कहा।
एकाएक आंटी की चूचियों को देखा

अब होना क्या था? मैंने उसकी बेटी को अपने गोद में लिया और खूब प्यार करने लगा। फिर श्वेता आंटी ने कहा कि, मैं कपड़े बदल कर आती हूँ तब तक आप मेरी बेटी ख्याल रखना! “aunty train sex story”

जब वो कपड़े बदलकर आई तब मैंने देखा कि उसकी ब्रा थोड़ी पारदर्शी थी। मैं उसके बूब्स को देखता रह गया।

थोड़ी देर बाद मुझे जब होश आया तो मैंने उसका पूरा परिचय लिया तब जाना कि, वो चैनई में रहती है और उसके पति रायपुर के किसी बैंक में काम करते हैं और छुट्टी के वक्त वो चैन्नई आते थे।

मैंने तब तुरन्त सोचा कि यह शायद सेक्स नहीं करती होगी। अचानक! उसकी बेटी ने मेरे लिप्स को किश किया जिसका, मैंने भी उसे प्यार से उत्तर दिया। “aunty train sex story”

वो हम दोनों के किश को बड़े प्यार से देख रही थी।

जब सोने का वक्त आया तो मैंने देखा, उसकी बेटी मेरे साथ सोने की जिद्द कर रही है तो श्वेता आंटी ने मुझे अपनी बेटी दे दिया।
आंटी को चुदासी इशारे किया “aunty train sex story”

मैं ऊपर सो रहा था और श्वेता नीचे सो रही थी पर, मैं कहाँ सो पाता?

उसकी मस्त जवानी को देख देख कर मैं उसकी दो साल की बेटी को किश पे किश किए जा रहा था।

तब आधे घन्टे बाद श्वेता उठकर अपनी बेटी को उठा रही थी कि, तभी मैंने थोड़ा सा उदास होने का नाटक करने लगा।

मैंने कहा कि, प्लीज! अपनी बेटी को मेरे पास सोने दें, तभी उसने तुरन्त मुझे अपनी बेटी दे दी और वो नीचे थोड़ी देर बैठ कर चुपके से रोने लगी।

मैं तुरन्त नीचे उतरकर उनसे सॉरी! कहा, तो उसने कुछ नहीं कहा।

फिर मैंने थोड़ी सी हिम्मत करके उनका हाथ पकड़ कर मेरे गाल पर थोड़ा ज़ोर से थप्पड़ दिलवाया तो वो मुझे कहने लगी कि यह क्या कर रहे हो? “aunty train sex story”

मैंने कहा कि, अगर मैं आपकी बेटी अपने साथ ना सुलाऊँ, तो ठीक है मुझे माफ़ करना! तो वो थोड़ा और रोने लगी।

मैं उस कम्पार्टमेंट के बारे में बता दूँ। वैसे तो हमारे बगल वाली खाली थी और हम ए सी में यात्रा कर रहे थें तो उसमें परदे लगे होते हैं, जिससे कोई हमें देख नहीं सकता था।”aunty train sex story”

मैंने उसका हाथ पकड़कर पूछा कि, वो क्यों रो रही हैं?

तो उसने बताया कि, उसके पति उससे प्यार नहीं करते हैं और ना ही उसकी बेटी से।

तो मैंने कहा- ऐसा ना कहे, वो आपको ज़रुर याद करते होंगे!
आंटी ने चुदासी हो मेरा साथ दिया

फिर वह और रोने लगी, मैंने और थोड़ी सी हिम्मत करके उनके आँसू पोंछे तो उसने मेरे हाथ को पकड़ कर किश किया। जिससे मैं कुछ ना कह सका।

मैंने धीरे से उसके कान के पास जाकर कहा कि, मैं उसकी बेटी से और उसकी खूबसुरत माँ से बहुत प्यार करता हूँ! तो उसने आँखें बन्द करके मुझसे लिपट गई।

मैं उसके बूब्स को फ़ील कर रहा था तो उसने भी धीरे से जवाब दिया कि चलो, अब बेटी से प्यार ख़त्म हो गया हो तो उसकी माँ को प्यार करो! “aunty train sex story”

मैंने पहले उसके माथे पर किश किया, फिर मैं उसके कानों को, फिर नाक को, फिर उसके गालों को, मैंने अच्छी तरह से चाटा और फिर उसके मुलायम से होंठ को किश करने लगा।

वो थोड़ी गर्म हो गई थी। मैंने उससे कहा कि, तुम सो जाओ।

तो उसने कहा- क्यों?

मैंने कहा- तुम पहले लेट जाओ, फिर देखो मेरा जादू!

वो तुरन्त मुस्कुराई और लेट गई। मैं तुरन्त बाथरूम गया और अपनी चड्डी निकाल कर सिर्फ़ अपनी लोवर पहनकर वापस आया।

वो मेरा बेसब्री से इन्तज़ार कर रही थी। मैं उसकी आंखो में प्यार की प्यास देख सकता था और मैं अन्दर बैठकर परदा गिरा दिया ताकि हमें कोई ना देख सके।
आंटी ने अपनी चूची मसलवाई “aunty train sex story”

मैं अब धीरे से उसके बूब्स को मसल रहा था। वो बेचारी ज़ोर जोर से चिल्लाना चाहती थी पर वो चिल्ला ना सकी और अपने आवाज़ पर उसने कन्ट्रोल किया।

मैंने धीरे से उसके चूड़ीदार के अन्दर हाथ डालकर उसकी ब्रा खोल दी। उसने कहा कि, मुझे नंगी कर दो! यह बात सुनकर और गर्म हो गया।

मैंने बड़े आराम से उसकी चूड़ीदार को उतारा और उसके बूब्स और उसके लिप्स के साथ प्यार करता रहा।

मैंने भी अपने कपड़े उतारे तब मैं सिर्फ बनियान और अपने लोवर में था और वो सिर्फ अपने पजामे और पैन्टी के साथ थी।

मैं उसके बूब्स के साथ 15 मिनट तक प्यार करता रहा, फिर मैंने अपना हाथ उसके पजामे के अन्दर डालकर उसकी चूत को पैन्टी के बाहर से सहला रहा था। “aunty train sex story”
आंटी की चूत के रस का रसपान

वो मुझे पागलो की तरह देख रही थी, फिर उसने मेरे लिप्स को प्यार से काटा जिससे, मैं और मेरा नटराज पेन्सिल और गर्म हो गए!!

मैंने अपनी हाथों से उसका नाड़ा खोला और उसकी पैन्टी को थोड़ा नीचे कर दिया और अब धीरे धीरे उसकी चूत के अन्दर अपनी उंगली घुसा रहा था।

उसकी चूत तो पहले से हाय! गीली थी। अब मैं अपने दोनों उंगली से उसके क्लिंट को टटोला, तो उसकी सांसे तेज़ हो गई और मुझे वो नज़ारा देखने में बड़ा मज़ा आ रहा था! “aunty train sex story”

मैंने अचानक! तीन उंगलियाँ उसकी शरपनेर (चूत) में ज़ोर ज़ोर से अन्दर बाहर करने लगा अब तो वो बेकाबू हो गई थी।

वो मेरा साथ देने लगी थी। मैं उसे किश भी कर रहा था और एक हाथ से उसके बूब्स और निप्पल्स को मसल रहा था और दूसरा हाथ उसके चूत में ज़ोर ज़ोर से घुसा रहा था।

ठीक पांच मिनट के बाद उसने अपना जूस बाहर निकाला और मैं उसके सामने उसे चाटने लगा तो उसने कहा- ऐसे तो, मेरे पति भी नहीं करते हैं। “aunty train sex story”

तो मैंने कहा, प्लीज! इस वक्त अपने पति को मत याद करो, तो वो थोड़ा मुस्कुराई और मैंने उसे कहा, अब मेरा क्या होगा?

तो उसने कहा- चलो, बाथरूम मे चलें!

दोस्तों आगे की कहानी अगर आप पढ़ना चाहते हैं तो मुझे मेल करे। वैसे मैं अभी चैन्नई में हूँ। “aunty train sex story”