(Karz Ehsan Ka)
आज मैं अपको अपने दीदी के चुदाईकि एक ऐसि कहनि सुनने जा रहा हु जिसे पधने के बाद अप देखेनगे कि किस तरह से एक अदमि अपने एक एहसन का बदला एक रात उसके साथ चुदाईकरके चुकता है। इस्से पहले कि मैं अपने कहनि को सुरु करु सबसे पहले मैं अपका परिचय दीदी और उस अदमि से करा दु जिसके बरे मे मैं अपने इस कहनि मे बतने जा रहा हु।
मेरि दीदी एक ऐसि लड़की है जिसे देखने के बाद एक बुधे अदमि को भी अपनि जवनि लौत के अ जति है। मेरि दीदी कि तब उमर उनतिस साल कि थि। और वो अदमि जिसके बारे मे मैं बतौनगा उसकी उपर पचपन साल कि है। वो पदोस मे ही रहता था। वैसे तो उसे सोसिएती मे लोग बहुत ही परेम करते है और कभि इजत करते है। एक दिन दीदी जब रात को कुछ लेत आ रहि थि तो रसते मे दीदी को कुछ बदमस अपने गदि मे बैथने वले थे कि वो उसि समय वहा अगये और दीदी को उनसे छुदया।
उस घतना के दो महिने के बाद कि ये कहनि है। उस दिन दीदी को अपने ऑफ़िस के एक परति मे जना था। मैं अपने दोस्त के यहा किसि जरुरि कम से जना था। मैं कयोकि रूम से बाद मे निकला सो रूम कि चभि मेरे पाश ही था। रात मे मुझे अने मे देर हो गयि। मैं जब वहा से चला तभि बरिश होने लगि। जब मैं अपने सोलोनी मे पहुचा तो दीदी को उनसले के दरवजे पर खदा पया।
दीदी को वहा देखा तो मेरे मन मे बदमशि सुझि मैंने सोचा कि देखता हु कि दीदी कया करति है मैंने देखा कि रूम का दरवाजा खुला और दीदी अन्दर चलि गयि। अब रूम का दरवाजा बनद हो गया। उस वकत रात के आथ बज रहे थे। उस समय भी बरिस हो रहि थि।
मैं अब ये समझ गया कि आज रत जो कुछ भी होने जा रहा था वो उस अदमि के लिये बिल्कुल ही रनगिन रात होने जा रहा था।मैं अब उस रूम के ओर गया जहा दीदी बैथि हुयि थि। दीदी को कफ़ि थनद लग रहि थि। अब उनसले दीदी के लिये एक गलस्स मे पनि लेके अये। दीदी ने गिलस के पहि को पि लिया। अब उनसले दुसरे रूम मे चले गये।
कुछ देर के बद जब उनसले दीदी के पास अये तो दीदी ने उनसे कहा कि अब मुझे निनद आ रहि है तो उनसल ने बोला चलो सोते है।
अब वो दीदी के हथ को पकद लिया और दीदी को लेके दुसरे रूम मे ले गया। वहा ले जके दीदी को अब बेद पर लेता दिया। अब दीदी कि अनखे बनद हो गया था। मैं समझ गया कि आज वो अपने एहसन का करज वशुल करने जा रहा था। अब वो दीदी के सनदिल को खोल दिया और दीदी के सदि को उतरने लगा।
दीदी के सादि को उतरने के बाद उसने दीदी के सदि को बलसोनी मे हनगर मे दल दिया। अब वो दीदी के सया को खोल दिया। दीदी ने पैनती पहन रखा था। दीदी के सया को उतरने के बाद उसने दीदी के ब्लाउज को उतर दिया। अब उसने दीदी के पैंटी को उतर दिया। दीदी के पैनती को उतरने के बाद उसने दीदी एक बरा को खोल दिया। अब दीदी उसके समने बिल्कुल ही ननगि पदि हुयि थि। अब उसने दीदी के सरे कपदो को ले जके बलसोनी ने फ़ैला दिया।
अब वो दीदी के पास अया और दीदी के तने हुये बूबस को बरि बरि से दबया तो उसका लण्ड अपने अप ही लुनगि के बाहर अगया। अब वो अपने अपको और रोक नहीं पा रहा था। अब उसने दीदी के चुद को पुरि तरह से देखने के लिये दीदी के दोनो पैरो को फ़ैला दिया। दीदी के जनघो पर बैथ गया। अब उसने अपने लण्ड को दीदी के भिनगे हुये चुद पर रख दिया। और दीदी के चुद मे अपने लण्ड को घुसने के लिये अपने कमर को धीरे धीरे पुस किया तो मैंने देखा कि दीदी के चुद मे उसके लण्ड का सोसक चला गया। अब उसने दीदी के कमर को पकद के अपने कमर को जोर से झतका मरा तो दीदी अपने जगह से एक इनच उपा घसक गयि।
अब मैंने देखा कि दीदी के चुद मे उसका दो इनच लण्ड चला गया था। अब वो अपने कमर को हिलने लगा और दीदी के चुचिओ को धीरे धीरे दबने लगा। कुछ देर के बाद उसने एक जोरसे झतका मरा तो दीदी के मुँह से आआह्ह्हह कि अवज निकलि। मैं समझा कि दीदी को होस अगया लेकिन वैसा नहीं था। दीदी के चुद मे उसका अधा लण्ड चला गया था।अब वो अपने होथो को दीदी के होथो पर रखा और दीदी के होथो को चुसने के साथ ही दीदी एक कमर को पकद के जोर जोर से झतके मरने लगा। अब मैंने देखा कि दीदी के चुद मे उसका पुरा लण्ड चला गया था।
अब मैंने देखा कि दीदी के दोनो पैरो को फ़ोलद कर के दीदी के पैरो को फ़ैला दिया और अब वो बैथ गया और जोर जोर से झतका मरने लगा और दोनो चुचिओ को मसलने लगा। लगभग बिस मिनट के बाद उसने जब अपने होथो से दीदी के होथो को चुसने के लिये दीदी के होथो के उपर अपने होथो को रखा तो मैं समझ गया कि उसका सपुरम दीदी के चुद मे गिरने वला था कयोकि वो दीदी के चुद मे जोर जोर से झतके मर रहा था। कुछ देर के बाद वो सनत पद गया। कुछ देर के बाद वो दीदी के उपर से हत गया और दीदी को अपने बहो मे कसते हुये सो गया।
भोर मे जब मेरि निनद खुलि तो मैंने देक्कहा कि वो दोनो वैसे ही सोये हुये थे। अचनक दीदी कि निनद खुलि तो वो अपने अपको उसके बहो मे ननगि अवसथा मे देखा तो समझ गयि। वो भी जग गया था। अब उसने दीदी के गल पर एक चुमा लिया। अब वो दीदी के गनद को अपने तरफ़ करने कहा तो दीदी ने बिना कुछ कहे अपने पिथ को उसके तरफ़ कर दिया। अब वो उथ के दीदी के गनद मे अपने लण्ड को दलने के लिये सबसे पहले दीदी के गनद पर अपने लण्ड को रगदा तो मैंने देका कि दीदी के गनद पर उसके लण्ड का पनि छुत गया। अब उसने दीदी के गनद को गिला कर दिया।
अब दीदी ने अपने गानद को अपने हथो से फ़ैला दिया। उसने अपने लण्ड को दीदी के गनद मे दलने के बाद उसने दीदी के कमर को पकद के जोर जोर से तिन झतके मरा तो दीदी पुरि तरह से चतपता उथि। अब दीदी ने अपने कमर को खिचने लगि तो वो दीदी के उपर चध गया। और दीदी के गनद मे अपने लण्ड से पुमपिनग करने लगा। कुछ देर के बाद दीदी सनत पद गयि। वो दीदी के उपर चध के दीदी को बिस मिनट तक पेलता रहा तब वो सानत हो गया। कुछ देर वैसे ही पदे रहने के बाद वो दीदी के उपर से हत गया।
अब दीदी को सिधा करने के बाद दीदी के पैर को हलका सा फ़ैलया तो दीदी ने बोला कि पेशब लगि है। वो दीदी को लेके बाथरूम मे गया वहा से जब वपस अये तो मैंने देखा कि दीदी ने अब उसके लण्ड को अपने मुथि मे पकद रखा था। अब दीदी बेद पर लेत गयि। अब उनसले ने एक दिबे को लेके अये और दीदी के कमर के पास रखा ।
अब दीदी के चुद मे तेल लगने लगे तो दीदी ने भी अपने हथो मे तेल ले के उसके लण्ड मे तेल लगने लगि। तेल लगने के बाद वो दीदी के जनघ पर बैथ गये अब दीदी ने अपने चुद को फ़ैला दिया। उसने अपने लण्ड को दीदी के चुद पर सता के जोर से झतका मरा तो दीदी के मुँह से आआअह्हह ऊऊफ़फ़् कि चिख को सुन के समझ गया कि दीदी के चुद मे उसका लण्ड चला गया अब उसने दीदी के चुचिओ मे तेल लगने के बाद चुचिओ को मसलने के साथ ही दीदी के चुद मे अपने लण्ड को अन्दर और अन्दर ले जने के लिये जोर जोर से झतके मरने लगा।
दीदी उसके हर एक झतके का जबब आआह्हह ऊऊह्हह आआह्ह्हह न्ननाआआईई धीईईरेरीईईए आआअह्ह ऊओह्हहह ऊऊउम्म आआह्हह्हह कि अवज निकल रहि थि। कुछ देर के बाद जब उसके का कुछ भग अन्दर चला गया तो उसने दीदी से पुछा कैसा लग रहा है तो दीदी ने अनखे बनद कर के मुसकुरते हुये अपने गरदन को हिला कर हा मे जबब दिया।
इतना सुन के उसको फ़िर से जोस आया और उसने जोर से झतका मरा तो दीदी पुरि तरह से सिहर उथि।अब दीदी के चुद मे उसका पुरा दनदा चला गया था। दीदी कुछ देर के बाद मदहोस भरि अनदज़ मे अवज निकलने लगि जिस्से उसका जोस और बधने लगा। उसने दीदी के चुद मे अपने पुरे लण्ड को घुसने के लिये एक जोर का धका मरा तो दीदी छतपता उथि और आआहह्हह ऊऊओहह्हह आआह्हह न्ननाआआईई धीईरेरीईईए आआअहह ऊऊओह्ह्ह ऊउम्म आआह्हह कि अवज के सथ अपने चुद को सहलने लगि।
तब उसने बोला- बस और पच मिनट कि बात है।
इतना कहते हुये उसने दीदी के चुचि को अपने मुँह से लेके चुसने लगा और अपने कमर को हिलने लगा। दीदी भी कुछ देर के बाद मज़ा लेने लगि।
मुझे अपने उनतिस साल कि जवन दीदी को पच्चपन साल के सनध से चुदते देख के बहुत ही मजा आ रहा था। कुछ देर के बाद उसने दीदी के होथो को चुसना सुरु किया तो दीदी भी उसका खुल के सथ देने लगि। मैं समझ गया कि अब दोनो पुरे सबब पर है। दीदी अपने दोनो जनघो को फ़ैला रखा था। अब उसका पुरा लण्ड दीदी के चुद मे चला गया था। दीदी अपने हथो को उसके पिथ पर रगर रहि थि और वो दीदी के दोनो चुचिओ को मसलते हुये चोद रहा था। इस तरह से दीदी अपने करज को उतरवा रहि थि।
कुछ देर के बाद दोनो सनत पद गये तो मैंने समझ लिया कि दीदी अब पुरि तरह से उसकी रखैल बन गयि थि।
दस मिनट के बाद वो दीदी के उपर से हत गया। दीदी कि चुद को देख के ऐसा लगता था कि जैसे रात भर कुतै किया गया हो। कुछ देर के बाद दीदी उथ के अपने कपदो को पहन के तैयर हो गयि तो मैं वहा से हत गया। कुछ देर के बाद मैं दरवजे कि घनति बजै।दिदि ने दरवाजा खोला।
उनहोने पुछा कि कब अये तो मैंने बतया कि अभी अया हु। मैंने उनसे पुछा कि आप कब अयि तो उनहोने बतया थोदे देर पहले हि।
हम दोनो अब अपने रूम पर चले गये। उस रोज मैं दिन भर उस रात के चुदाईके बरे मे सोचता रहा। लेकिन दीदी को इस बात का पता नहीं चलने दिया कि मैंने उनकि चुदाई को देखा है।