(padosan ki chudai Shanu Mera Pahla Pyar)
padosan ki chudai ये बहुत साल पुरानी बात है। मैं इंडियन आयल नगर, अंधेरी, बम्बई मैं रहता था। मैं १८ साल का था। वो मेरी पड़ोसी, उसका नाम शलिनी था पर प्यार से उसे उसके परेंट्स शनू कहते थे। मैं उसकी और पहले दिन से आकर्षित हुआ था। मुझे कैसे भी करके उसे हासिल करना था। शनू बहुत ही गोरी, स्लिम और सुंदर लड़की थी। और बहुत ही शर्मीली। जब भी हमारी नज़रें मिलती थी वो मुझे बहुत स्वीट स्माईल दे। मुझे धीरे धीरे ये एहसास होने लगा कि वो भी मुझे चाहने लगी है। हमारे परिवारों में अच्छे रिश्ते थे। इसलिये वो हमारे घर रोज आया करती थी। वो यु पी के माथुर फ़ैमिली से थी और मैं महाराष्ट्रियन। लेकिन फिर भी हमारे परिवार में अच्छे रिश्ते थे। “padosan ki chudai”
गर्मी की छूट्टियाँ करने वो अपने बड़े भाई अशीम के साथ दिल्ली अपने मामा के घर जाने वाली थी। मेरी मम्मी मे शनू और उसके भाई को लंच के लिये बुलाया। लंच से पहले हमने चेस कैरम खेले। मेरी नज़र शनू पे ही थी। उसे भी इस बात का पता चला और वो और भी शर्माने लगी। उसने ब्लू कलर की स्लीवेलेस और स्कर्ट पहनी थी और उसमे और भी फेयर और सुंदर लग रही थी। मैं ने शोर्ट्स और टी-शर्ट पहनी थी। मैं थोड़ा मोटा था। पर उसे फिर भी मैं बहुत पसंद था। वो मेरी और देख कर ही मुस्करा रही थी। उसे देख कर शोर्ट के अंदर मेरा लंड टोवर जैसा खड़ा हुआ। मैं अपने आप पर कंट्रोल नहीं कर पा रहा था। लंच के बाद मैं ने उसे अपने कॉमिक्स, स्टोरी बुक्स रीडिंग के लिये दिये। उसका भाई अशीम को नींद आने लगी और वो अपने घर चला गया। “padosan ki chudai”

मेरी मम्मी बेडरूम मैं आराम करने गयी। मैं और शनू अकेले थे डिन्निन्ग हॉल में। मैं उसके करीब सोफ़ा सेट पे बैठा था। उसे मैं भूखी निगाहों से देख रहा था। उसने अचानक मुझे कहानी के बारे में कुछ सवाल पूछा और मैं ने उस पल का लाभ लेकर उसके पास गया और उसके दायें गाल को किस किया। उसको किस करने पर मुझे लगा के मैं जन्नत में हूं। उसने अपनी आंखें बंद की और मैं ने उसे फिर से चूमा किया। अब की बार जोश और जोर से . अब मेरे होश उड़ रहे थे। मैने उसे अपनी बाहों में लिया और उसे सोफ़े पे लिटाया। वो भी बहुत एक्साइटेड थी। हमारे दोनो के लिये पहली बार था। “padosan ki chudai”
उसने बहुत प्यार से मेरे बाल को अपने हाथों से संवारा और मेरे माथे को चूमा। बस उसके बाद हम दोनो पर ऐसा जुनून छा गया कि शब्द ही नहीं है बयान करने के लिये। मैं उसके ऊपर लेता और उसे चूमने चाटने लगा। उसने मेरी शोर्ट्स के अंदर हाथ डाला और मेरा लंड को अपने नाजुक हाथों में लिया और उसके साथ खेलने लगी। मैने अपनी शोर्ट उतार दी और मेरा लंड उसके मुंह में डाल दिया। वो उसे सक करने लगी। मैने उसके मुंह में ही किया जिसे वो पी गयी। अब उसे और भी नशा चढ़ा। मैने धीरे से उसका स्कर्ट निकाल दिया, उसकी ब्रा भी उतार दी और उसके बूब्स को चूसने लगा। वो बहुत ही एक्साइट हो रही थी और आवाज़ें कर कह रही थी “ओह अजय माय डार्लिंग! “padosan ki chudai”
मैं उसके बदन के हर हिस्से हो किस कर रहा था।। अब मैं उसके चूत की और आया और उसे कस कर किस किया। मैं उसकी चूत को पागलों की तरह चाट रहा था। वो अब ओर्गास्म के करीब पहुंच हो रही थी। मैं ने अपनी उंगली से उसकी चूत में डाली और वो एकदम से झड़ गयी। अब मैने अपना लंड उसकी चूत के अंदर डाला। उसका छेद बहुत ही छोटा था क्योंकि वो एकदम कुंवारी थी. वो बहुत तेज़ चिल्लाने लगी। उसे दर्द हो रहा था। मैने उसे शांत किया और रिलेक्स होने दिया। धक्के देकर मैं धीरे धीरे अपने बड़े से लंड को उसकी चूत में अंदर डाला। वो आनंद से चिल्लायी और मुझे किस करती रही। मैं भी चिल्लाने लगा “मैं तुम्हारे लिये कुछ भी करूंगा”। उसके बाद हम दोनो एक घंटे तक एक दूसरे की बाहों में सोये और फिर उसकी मम्मी ने जब उसे आवाज़ दी तो वो जल्दी से कपड़े पहन कर के निकल पड़ी। ये था मेरे पहला नशा पहला खुमार पहला जवां प्यार मेरी खूबसूरत पड़ोसन के साथ। “padosan ki chudai”
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