(Bhatiji Ki sote hue chudai panty utari Part-1)
sleeping bhatiji ki chudai सभी मदमस्त चूत़ों को मेरे सांवले लंड का गुलाबी सलाम और सभी पाठकों को मेरा नमस्कार. दोस्तों आपकी मेरी पिछली कहानी
मौसेरी बहन की कुँवारी चूत
की सराहना से प्रेरित हो कर मैं फिर हाज़िर हूं एक और मदमस्त आपबीती ले कर. मैं अपनी कहानी शुरू करने से पहले अपने नए मित्रों को अपना परिचय दे देता हूं. मेरा नाम आर्य है और मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ. मैं एक गोरा हैंडसम बंदा हूँ, मेरी हाइट 5 फुट 11 इंच है. मेरा लंड 7 इंच लंबा और 3 इंच मोटा है. लंड का रंग हल्का सांवलापन लिए हुए है.
दोस्तो, मेरा सेक्स से परिचय काफी कम उम्र में हो गया था और मैंने मुठ मारना, पोर्न देखना तभी से चालू किया था.
ये कहानी मेरी भतीजी नैना की मेरे द्वारा की गई पलंगतोड़ कामक्रीड़ा की है. मेरी भतीजी नैना उस बात महज 18 साल की कच्ची कली थी. पर उस उम्र में ही उसका रूप रंग किसी का भी ईमान खराब करने वाला था. उसके पूरे बदन में ही कयामत भरी थी, उसकी हल्की नीली और भूरी आंखें गजब की कातिलाना नशा बिखेरती हैं. उसके चूचे मीडियम आकार के 28 इंच के रसीले और तने हुए हैं. सपाट पेट और बल खाती 32 इंच की रसीली खरबूजे जैसी मस्तानी गांड किसी का भी लंड खड़ा कर देने में सक्षम है. bhatiji ki sote hue chudai
जिस वक़्त की ये बात है, उस वक़्त मैं इंजीनियरिंग कर रहा था और मेरी उम्र लगभग 25 साल होगी मतलब मेरी भतीजी मुझसे लगभग 7 साल छोटी थी. जब नैना बहुत छोटी थी, तो अक्सर आकर मेरी गोदी में बैठ जाती थी और मेरे गाल पकड़ कर तोतली भाषा में बोलती थी कि ताता कितने प्याले हैं. कभी जब मैं लेटा होता था, तो मेरी शर्ट हटा कर मेरे पेट से खेलती थी. बीच में लगभग कुछ साल मैं भईया के यहां नहीं जा पाया. फिर जब मैं गया तो देखा कि छोटी सी नैना अब माल बन गई थी.
जैसे ही मैं घर के अन्दर गया, तो भाभी ने मुझे ड्रॉइंग रूम में बिठाया और नैना को आवाज़ दी कि पानी ले आ चाचा के लिए.
थोड़ी देर में नैना पानी और नाश्ता लेकर आई, तो मैं उसे देखता ही रह गया. उसने बड़े गले की टी-शर्ट और नीचे पायजामे जैसा हल्का सा कुछ पहना हुआ था. जब वो टेबल पर नाश्ता रखने झुकी, तो उसके यौवन की पहली झलक मुझे उसके खुले गले अन्दर दिखी. क्या बताऊं दोस्तो … उस वक्त उसने ब्रा नहीं पहनी थी और उसके दूधिया रंग की वजह से अंधेरी जगह में भी उसके ठोस उरोज मस्त अठखेलियां कर रहे थे. sleeping bhatiji ki chudai
अभी मेरी आंखों से उसकी चूचियों की गर्मी खत्म भी नहीं हुई थी कि अचानक वो मेरे पैर छूने के लिए और ज्यादा झुकी … और बस उसकी चूचियां पूरे शवाब में मेरी आंखों के सामने थीं.
ओह ऐसा दिलकश नज़ारा था कि क्या कहूं. धीरे धीरे मेरा लंड पैंट में तन के लोहा बन गया था. मैंने किसी तरह खुद पर काबू किया और उससे पूछने लगा कि पढ़ाई कैसी चल रही है … वगैरह वगैरह.
पर मेरी नजर उसके बदन का नाप ले रही थी.
फिर कुछ देर भाभी और मैं बातें करने लगे और नैना अपने कमरे में चली गई.
थोड़ी देर में भाभी मेरे से बोलीं- आर्य तुम थके होगे, जा कर नैना वाले कमरे में आराम कर लो.
मैंने कहा- ठीक है भाभी. sleeping bhatiji ki chudai
मैं अपना बैग ले कर कमरे में गया. वहां उस वक़्त कोई नहीं था, तो मैंने आराम से अपने कपड़े उतारे. एक शॉर्ट्स पहन लिया और टी-शर्ट डाल ली.
मैं यूं ही कमरे की बालकनी में चला गया और वहां लगे झूले पर बैठ के किशोर कुमार का ‘मेरे सपनों की रानी …’ वाला गाना गाने लगा.
दोस्तो, मैं बता दूं कि मैं गाना गाने का शौकीन हूं और ठीक ठाक गा भी लेता हूं. sleeping bhatiji ki chudai
मैं गाने में खोया था कि अचानक नैना आयी और मेरी गोदी में बैठ गई. मैं गिरते गिरते बचा.
मैंने कहा- क्या कर रही हो?
तो वो बचपन की तरह ‘मेरे चाचू कितने प्यारे हैं, कितना अच्छा गाते हैं.’ बोल के मेरे गाल खींचने लगी. उसकी गर्म सी चूत की गर्मी मुझे जांघ पर महसूस हुई और मेरे शेर ने अंगड़ाई लेनी शुरू कर दी.
इससे पहले कि नैना को मेरे खड़े लंड का एहसास होता, मैंने उसे अपने बगल में बिठा दिया और पूछा- क्या बात है बच्चा आज बड़ा प्यार आ रहा है चाचू पे … क्या चाहिए तुझे?
तो वो मुस्कुराने लगी और बोली- चाचू प्लीज़ आज मूवी दिखाने ले चलो ना. प्लीज़ चाचू. sleeping bhatiji ki chudai
मैंने कहा- अच्छा ठीक है कौन सी मूवी देखनी है तुझे? अब ये मत कहना शाहरुख खान की.
तो वो बोली- अरे नहीं चाचू, मुझे हॉलीवुड पसंद है.
मैंने कहा- ठीक है, तब डिसाइड कर ले कौन सी देखनी है.
वो बोली- बस 5 मिनट में बताती हूं.
वो भागती हुई अपने रूम में चली गई और उसने कंप्यूटर ऑन कर लिया.
कोई 5 मिनट बाद वो आयी और चहकती हुई बोली- चाचू अमेरीकन पाई: बुक ऑफ लव देखनी है.
मैंने आश्चर्य से उसकी ओर देखा, तो वो बोली- अरे चाचू इट्स कूल … हम नई जेनरेशन हैं.
मैंने कहा- ठीक है, लेकिन भाभी को कोई दूसरी फ़िल्म बताना.
फिर दिन भर इधर उधर की बातें करके बीता और शाम को मैं और नैना भैया की बाइक के कर लेट नाइट शो देखने निकल पड़े.bhatiji ki sote hue chudai
नैना ने लॉन्ग स्कर्ट पहनी हुई थी और ऊपर ब्लाउज़ जैसा टॉप था, जिससे उसका पेट नजर आ रहा था. मेरा लंड तो उसे देख कर तन गया. वो बाइक पर मेरे से चिपक के बैठी थी. मैं उसके मुलायम चूचों को महसूस कर सकता था. मैं भी जान बूझ कर ब्रेक्स का ज्यादा इस्तेमाल कर रहा था.
क्या बताऊं दोस्तो, उस 20 मिनट के सफर में मैं आनन्द के सागर में गोते लगा रहा था. थियेटर पर पहुंच कर मैंने दो कॉर्नर सीट की टिकट्स के लिए कहा और हम अन्दर जाकर अपनी सीट पर बैठ गए. इस फिल्म में भीड़ काफी कम थी और हमारे आस पास फिलहाल कोई नहीं था.
थोड़ी देर में मूवी शुरू हुई, तभी हमसे दो सीट छोड़ के एक लड़का लड़की आ कर बैठ गए.
अगर आपने ये मूवी देखी हो, तो आप जानते ही होंगे. जिन्होंने नहीं देखी, उन्हें मैं बता दूं कि ये एक सॉफ्ट कोर पोर्न मूवी जैसी है. हर दो मिनट में लंड चूत के दृश्य या ऐसी ही बातें होती रहती हैं.
हर उत्तेजक सीन पर मेरी नज़र नैना की तरफ जाती और वो मेरी तरफ आंख करके छिपी नज़रों से देख लेती. sleeping bhatiji ki chudai
एक दृश्य में लड़का ठरक से पिज़्ज़ा में बने छेद को देख कर उत्तेजित हो कर उसी छेद में लंड डाल कर पिज़्ज़ा को चोदता है.
ये सीन देख कर नैना हंसने लगी और बोली- इससे अच्छा होता अगर ये कोई लड़की पटा लेता.
तो मैं बोला- हम लड़कों की परेशानी लड़कियां समझती कहां हैं.
तो वो बोली- अरे यार चाचू, अपना हाथ भी तो है.bhatiji ki sote hue chudai
पहले तो मैं चौंक गया, फिर खुद को संभालते हुए बोला- एक समय के बाद कोई चीज उसकी कमी पूरी नहीं कर सकती, फिर तो वो ही मिले तो चैन मिलता है.
वो भी बेबाक हो कर बोली- वो चीज क्या … साफ़ बोलिए न?
मैंने कहा- छोड़ … तू नहीं समझेगी, तू अभी छोटी है.
वो फट से बोली- ओ ओ चाचू मैं 18 की हो गई हूं … छोटी नहीं रही अब. आपको शर्म आती है, इसीलिए हाथ से काम चला रहे हो, वरना आपके लिए तो कोई भी तैयार हो जाए.
मैंने कहा- अच्छा ऐसी बात है क्या?
वो बोली- और क्या … जब मैंने अपनी फ्रेंडस को आपको दिखाया, तो कितनी ने आपका नंबर मांगा … मगर मैंने मना कर दिया.
मैंने दिखावटी गुस्से में कहा- क्यों … बड़ी पागल है तू!
तो वो शरारती अंदाज़ में बोली- अपनी चीज मैं किसी को नहीं देती.
मैं उस वक़्त उसकी बात नहीं समझा. खैर … मूवी देख के लगभग हम दोनों 12 बजे घर पहुंचे, तो सब से गए थे. नैना ने अपनी चाबी से दरवाज़ा धीरे से खोला और मुझे इशारा करके खुद दबे पांव अन्दर चली गई.
उसके रूम में पहुंच कर जब मैंने उससे पूछा- ऐसे चोरी की तरह क्यों आए हम?
उसने आंख मार के कहा- सब जग न जाएं.
मुझे भूख लग गई थी, तो मैंने नैना को खाना लाने को बोला.
वो बोली- मैं चेंज कर लूं, बस दो मिनट चाचू.
ये कह कर वो बाथरूम में घुस गई. लगभग कुछ मिनट बाद वो बाहर आई, तो उसे देख कर मैं फिर उत्तेजित हो गया. उसने नीचे सिर्फ चढ्ढी से थोड़ा बड़ा सैटिन का लेस लगा हुआ शॉर्ट पहना था और ऊपर पतली स्ट्रैप वाली बनियान सी पहन रखी थी. उसे देखते ही मैं समझ गया कि उसने अन्दर ब्रा पैन्टी नहीं पहनी है.
वो बोली- ऐसे क्या घूर रहे हो चाचू … खाओगे क्या?
मैंने हड़बड़ा कर गलती से पूछ लिया- क्या खाऊंगा?
तो वो बोली- मुझे और क्या …
उसने हंस कर मुझे आंख मार दी.
फिर उसने कहा कि जल्दी से नहा कर तैयार हो जाओ.
मैंने पूछा- किस लिए?
वो बनावटी गुस्से से बोली- अरे बाबा खाना खाने के लिए. … वैसे आप किसके लिए तैयार होने की सोच रहे थे.
उसने हंस के फिर से आंख मार दी.
मुझे कुछ कुछ शक होने लगा था. खैर मैं फटाफट नहा के बाहर आया और बिना अंडरवियर के शॉर्ट पहन लिया, जो कि रात को सोते समय मेरी आदत थी.
मैंने एक शॉर्ट और बिना बाजू की टी-शर्ट डाल ली और बेड के एक साइड लेट कर टीवी देखने लगा.
तभी नैना मेरा और अपना खाना ले कर आ गई. जैसे ही वो खाना रखने को झुकी मुझे जन्नत की दो सफेद चोटियां और उसके शिखर नजर आए. मेरे भुजंग ने शिकार सामने देख कर अपनी मौजूदगी का एहसास कराया.
तभी नैना बोली- क्या देख रहे हो चाचू … टीवी देख लो.
फिर मैं उठ के खाना खाने लगा.
खाना खा कर नैना डबलबेड की दूसरी साइड लेट कर टीवी देखने लगी.
वो थोड़ी देर में सो गई और अभी उसकी गांड मेरी तरफ थी. पर मैंने सोचा कि नहीं यार ये मेरी भतीजी है, गलत बात है ये.
ये सोच कर मैंने टीवी बंद किया और सोने लगा. थोड़ी मैं अचानक नैना का एक पैर सीधा मेरे लंड पर था. मैं तो ऐसे ही नियत खराब कर रहा था. मैंने सोचा लगता है ये तो खुद ही तड़प रही है. मैं बिना हिले यूं ही सोने का नाटक करने लगा.
इससे पहले दोस्तो, कभी किसी लड़की ने खुद मेरे साथ शुरूआत नहीं की थी, मुझे ही फंसाना पड़ता था. ये पहला मौका था, जब लड़की चुदासी हो कर मेरी तरफ आ रही थी.
मैंने भी उस लम्हे और मौके का मजा लेने का मन बना लिया. थोड़ी देर उसकी टांगें मेरी बाल भरी टांगों पर यूं ही पड़ी रहीं. पर मेरा लंड कहां मानने वाला था. लंड ने अंगड़ाई ली और धीरे धीरे नैना की चिकनी जांघ के भार के नीचे उठना शुरू हो गया.
मेरी तो समझ ही नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूं. इसलिए मैंने अपने सोने का नाटक जारी रखा. तभी नैना की जांघों ने हरकत शुरू की और मेरे खड़े लंड को, जैसे वो अपनी जांघों से ही महसूस करने लगी, वो कभी हल्का सा अपनी जांघ को ऊपर खिसकाए, फिर नीचे कर दे.
मेरे लंड में लोहे जैसी सख्ती आ चुकी थी और वो अपने विकराल रूप में अब नैना की जांघों को ऊपर की तरफ उठा रहा था.
तभी नैना ने अपनी जांघ हटा ली.
ये क्या … अब उसका हाथ ठीक मेरे लंड के ऊपर था. पर वो अब भी सोने का ही बहाना कर रही थी.
थोड़ी देर में उसके हाथों में हरकत हुई और उसने मेरे लंड को हल्का सा टटोला. पर मैं भी पक्का खिलाड़ी था. एक अठारह साल की लड़की मुझे नहीं हरा सकती थी, इसलिए मेरा नींद का नाटक जारी था.
आगे क्या होता है उसकी रसभरी सेक्स कहानी का मजा अगले भाग में लिखूंगा. आप मुझे मेल भेज सकते हैं, मुझे अच्छा लगेगा.
कहानी का अगला भाग: भतीजी की सोते हुए पैंटी उतरी -2
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