बेइन्तेहां वासना की जलन-2
यह कहानी एक सीरीज़ का हिस्सा है: ← बेइन्तेहां वासना की जलन-1 → बेइन्तेहां वासना की जलन-3 मैंने बड़ी मुश्किल से आंखें खोल कर ध्यान से उसके हाथों को देखा, उसकी हरेक उंगली मेरे पति के लौड़े जितनी मोटी थी। जब उसने उंगली का बाकी तीसरा हिस्सा भी अंदर सरका दिया तो उसके रूखेपन ने मेरी जान… Read More »बेइन्तेहां वासना की जलन-2